Story

जान की बाज़ी ।

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जान की बाज़ी ।

बहुत दिनों पहले की एक अनोखी कहनी है।तीन दोस्त थे।वो हमेशा एक दूसरे के साथ मस्ती करते हुए अपना समय बिताते थे।एक पल भी वो एक दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे।हमेशा वो कहीं भी तीनों एक साथ जाते थे।एक दिन उन्ही में से एक दोस्त जिसका नाम मोनू था,उसकी भांजी का जन्म दिन था।उसको घर से करीब 30 किलोमीटर दूर दूसरे सहर में जाना था।हर बार की तरह इस बार भी तीनों ने एक साथ जाने का फैसला किया।लेकिन सर्थ ये थी कि मोटर सायकल से जाना पड़ेगा वो भी पंद्रह मिनट के अंदर।मनीष जो की मोटसाइकिल चला रहा था, थोड़ा घबरा गया क्योंकि उसे लगा की ये मौत को टक्कर देने वाली बात होगी। सैकड़ों गाड़ियों के बीच इतना तेज गाड़ी चलाना संभव नहीं है।लेकिन अपने डर को जाहिर किए बिना वो तैयार हो गया।हवा से बातें करती हुई उसकी मोटरसाइकिल ठीक पंद्रह मिनट में जहां जाना था वहां पहुंच गई लेकिन तीनों दोस्त इस तरह जान पर खेलकर की गई मस्ती से काफी डर गए और उन्होंने ये फैसला किया कि दुबारा ऐसी हरकत कभी नहीं करेंगे।

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